Art, Process and imagination…

Artologue will be on yet another long trip in next few months. The plans are in the process but in the meanwhile we want to share something else with you all. Of course it is about art and the process of art. Artists do not work in void, they are also part and parcel of[…]

रंगों से पेंटिंग ही नहीं परिवार भी बनता है

सुबह सुबह पंखुड़ी की तस्वीर देखी तो कहीं बहुत कुछ याद आ गया. पंखुड़ी..कौन…अरे पंखुड़ी वही अपने गिरि बाबू की प्यारी सी बिटिया. पूर्णिया में मिला था तो गोद में आ गई थी. अब स्कूल जाने लगी है. उसका नाम मुझे पता नहीं क्यों पाखी याद था. शायद परी मेरे ज़ेहन में होगी. परी ……..परी[…]

हुसेन की कहानी, मक़बूल की ज़बानी

हुसेन के बारे में बहुतों ने बहुत कुछ लिखा होगा लेकिन हुसेन के बारे में जो मकबूल ने लिखा है उसका कोई सानी नहीं है. मकबूल …कौन…अरे वही मकबूल फिदा हुसैन का मकबूल. जी हां ये हुसेन ही कर सकता था कि अपनी जीवनी अपनी ज़ुबानी लिखे जिसमें मकबूल बताए एमएफ हुसैन की कहानी. आज[…]

Rainbow in Mountains

The Artologue journey reached mountains this time in the scenic land of Srinagar in Uttarakhand. Yes there is a Srinagar in Uttarakhand as well. We were invited by the Rainbow public school to work with their students. The owners of the school were surprised about how we fund our endeavor and we explained that we[…]

जे रंगों की बात है…

आर्टोलॉग की यात्रा के दौरान फेसबुक पर कई मित्र बने हैं जिनसे हम कभी नहीं मिले. फेसबुक के इनबॉक्स में बातें होती रहींं. वो पूछते रहे. हम बताते रहे अपने बारे में. ऐसा ही एक लड़का है विकास त्रिवेदी..वो कभी कभी कुछ पूछ लेता था और हमेशा कहता- आप लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.[…]

Art from the Heart : Artologue in FEMINA

We never thought that the journey of Artologue will be covered by newspapers but it did. After The Hindu : Art for People’s Sake, It was the well known magazine FEMINA which did a five page photo essay on our Artologue journey. These kind of coverage affirms our belief that Art is for all. Everyone[…]

कश्मीर तो खुद ही एक पेंटिंग है

अभी हम श्रीनगर पहुंचे नहीं थे. शहर के बाहर पहली रेड लाइट पर रुके थे. बगल में रुकी स्कूटी, मोटरसाइकिल वाले कभी हमें देखते…कभी हरी बुलेट को. बायीं तरफ स्कूटी पर बैठा आदमी मुस्कुरा रहा था. हम भी मुस्कुरा दिए. बत्ती हरी हुई और हम बढ़े. स्कूटी पीछे पीछे आई…..कहां से आए हो दिल्ली से..हमने[…]

That Face on the wall smiles…

‘‘I wanted to marry the most beautiful women and I did marry the most beautiful one in the college.’’ Sudesh Gupta loves beauty and that was his only condition for marriage. It was 1978 when background of the family mattered the most in the matters of marriage. In those times marriages were said to be[…]

”I was beaten up for painting”

Thirteen year old Anil has big eyes and they are searching for something all the time. It sparked when he saw us opening the colour bag. “Aaap painting kartey ho?” (you guys paint?) he asked with glitters in his eyes. He was asked by the family we were staying with, to assist us in the[…]

”meeting people in this age is a great thing”

Amritsar was not on our painting itinerary but we painted there. The trip to Kashmir took unexpected twists and turns. We planned to do three paintings in two weeks- one in Jammu and two in Srinagar. Instead we painted one in Amritsar and two in Udhampur. That’s what happens in Travels. Isn’t it? The painting[…]

स्वर्ग है तो उसकी ब्रांच पंचकूला में है

जून की गर्मी, बुलेट की सवारी और 274 किलोमीटर की दूरी….धूल भरी आंधियों के बीच आंखें मिचमिचाते…धूप सोखते….रुकते रुकाते…शाम ढले पहुंचे थे उस घनी छांव में जिसका नाम था वीरेंद्र और रेणु सांगवान. घग्घर नदी के किनारा….डूबता हुआ सूरज और अंकल आंटी….एक आइडियाज़ से भरपूर दूसरी शांत…मुस्कुराती…ममत्व से लबरेज़. सितारों से स्वागत और फिर चाय[…]

The house with Stars….

‘’Welcome to the house with stars …’’ announced a mid-aged man switching off all the lights the moment we entered his home. Next second the home was lit with stars and another figure appeared with an unforgettable warm smile. They were Virendra and Renu Sangwan from Panchkula. An ex-army officer who is now working as[…]

काश…कि ये दिन न बीतता…

दो हफ्ते पहले हमने फेसबुक पर लोगों से कहा था कि अगर वो हमारे घर आकर पेंट करना चाहें तो आ सकते हैं. धीरज पांडे ने इच्छा जाहिर की. घर आए और पेंट किया. सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में काम करने वाले धीरज का दिल साहित्य और राजनीति के लिए धड़कता है. मैंने आग्रह किया ब्लॉग[…]

Artologue gets covered in ‘The Hindu’

The west coast trip has ended on 4th of march. There is so much to be written. The last blog from Chennai will come shortly but before that we would like to share a good piece of news. Artologue gets a coverage in the most respectable newspaper of India- The Hindu. The reporter came to[…]

‘Taking the High Road’

As you know we have been writing about our Bullet travel and Painting on people’s wall. This time Shirley Ann George writes for Artologue. We met the beautiful family of Shirley, Francis, Zerah and her grandmother (Nani) through Shirley’s Son Pheroze. Read Shirley’s impressions about us and the art. We will post the Hindi blog[…]

होसूर की हवाओं में समुद्री जीवन

होसूर की नर्म हवा में घुले ढेर सारे प्रेम ने आर्टोलॉग के आखिर चरण की यात्रा को सुखद बना दिया है. पहले हमें यहां एक घर में पेंट करना था लेकिन अब वहां के द टाइटन स्कूल की प्रिंसिपल चाहती थीं कि हम स्कूल में बच्चों के साथ पेंट करें. 120 बच्चे, संख्या बड़ी थी[…]

कुंडापुर में कृष्ण और अर्जुन

गोवा से कुंडापुर की दूरी ढाई सौ किलोमीटर के आसपास है और रास्ते में समुद्र की नमी महसूस होती है, नज़रें घुमाएं तो या तो खूबसूरत तट दिखते हैं या फिर घने जंगल. इन सब को पार करते हुए कुंडापुर के नज़दीक पहुंचते ही समुद्र तट और बैकवार्टर्स का अदभुत नज़ारा देखने को मिलता है.[…]