छह दिन काम फिर एक दिन आराम

पुणे से चेन्नई तक के सफर में एक पेंटिंग का ज़िक्र नहीं हो पाया है. कई कारणों से. एक तो हम थके हुए थे. वापस दिल्ली पहुंचे थे. कई दोस्तों से दिल्ली में मिलना था तो समय नहीं मिल पाया. असल में चेन्नई में की गई पेंटिंग भी कुछ ऐसी ही थी. काम और आराम[…]

Artologue gets covered in ‘The Hindu’

The west coast trip has ended on 4th of march. There is so much to be written. The last blog from Chennai will come shortly but before that we would like to share a good piece of news. Artologue gets a coverage in the most respectable newspaper of India- The Hindu. The reporter came to[…]

‘Taking the High Road’

As you know we have been writing about our Bullet travel and Painting on people’s wall. This time Shirley Ann George writes for Artologue. We met the beautiful family of Shirley, Francis, Zerah and her grandmother (Nani) through Shirley’s Son Pheroze. Read Shirley’s impressions about us and the art. We will post the Hindi blog[…]

होसूर की हवाओं में समुद्री जीवन

होसूर की नर्म हवा में घुले ढेर सारे प्रेम ने आर्टोलॉग के आखिर चरण की यात्रा को सुखद बना दिया है. पहले हमें यहां एक घर में पेंट करना था लेकिन अब वहां के द टाइटन स्कूल की प्रिंसिपल चाहती थीं कि हम स्कूल में बच्चों के साथ पेंट करें. 120 बच्चे, संख्या बड़ी थी[…]