The Chennai Art Experiment

We are still in the phase of transition and hope to settle down in this year of the Pandemic. We were suppose to travel and paint in the summer but as whole world has come to a stand still, we are also stuck. While stuck at home, we thought to write about various experience we[…]

Art is not what you see, but what you make others see

We met Aayush during the exhibition of artologue named Art walle लोग. we came to know that he has been following our journey on Facebook. He promised to write about our Journey and he recently send this piece. Glad to share his write-up. Thanks Aayush. A long time ago, in a land where people believed[…]

Come Be an Artist

Today, we want to make a big announcement about artologue. No we are not going on a World Tour……(though we would love to if someone sponsors us) So whats the good news…..it is about an exhibition. Yes Artologue is exhibiting for the first time. In Delhi we have got an open space in INDIA HABITAT[…]

रंगों से पेंटिंग ही नहीं परिवार भी बनता है

सुबह सुबह पंखुड़ी की तस्वीर देखी तो कहीं बहुत कुछ याद आ गया. पंखुड़ी..कौन…अरे पंखुड़ी वही अपने गिरि बाबू की प्यारी सी बिटिया. पूर्णिया में मिला था तो गोद में आ गई थी. अब स्कूल जाने लगी है. उसका नाम मुझे पता नहीं क्यों पाखी याद था. शायद परी मेरे ज़ेहन में होगी. परी ……..परी[…]

काश…कि ये दिन न बीतता…

दो हफ्ते पहले हमने फेसबुक पर लोगों से कहा था कि अगर वो हमारे घर आकर पेंट करना चाहें तो आ सकते हैं. धीरज पांडे ने इच्छा जाहिर की. घर आए और पेंट किया. सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में काम करने वाले धीरज का दिल साहित्य और राजनीति के लिए धड़कता है. मैंने आग्रह किया ब्लॉग[…]

छह दिन काम फिर एक दिन आराम

पुणे से चेन्नई तक के सफर में एक पेंटिंग का ज़िक्र नहीं हो पाया है. कई कारणों से. एक तो हम थके हुए थे. वापस दिल्ली पहुंचे थे. कई दोस्तों से दिल्ली में मिलना था तो समय नहीं मिल पाया. असल में चेन्नई में की गई पेंटिंग भी कुछ ऐसी ही थी. काम और आराम[…]

होसूर की हवाओं में समुद्री जीवन

होसूर की नर्म हवा में घुले ढेर सारे प्रेम ने आर्टोलॉग के आखिर चरण की यात्रा को सुखद बना दिया है. पहले हमें यहां एक घर में पेंट करना था लेकिन अब वहां के द टाइटन स्कूल की प्रिंसिपल चाहती थीं कि हम स्कूल में बच्चों के साथ पेंट करें. 120 बच्चे, संख्या बड़ी थी[…]

Krishna-Arjuna in Kundapur

”I never thought in my life that my favorite God and shloka will be painted on my wall so beautifully. I invited you because a close friend referred you. Never expected you to paint such beautiful piece of art….though I have read your blogs.” That was the reaction of Malini Adiga of Kundapur when we[…]

बुद्ध और तारा पुणे में….

”अबी तो मेरे को घर नय है. जबी मेरा घर होगा तो मैं बुलाएगी तेरे को. खाना भी खिलाएगी. घुमाएगी भी. मेरे घर में भी पेंटिंग करने का.” वंदना काम वाली बाई है लेकिन दीवार पर बनती हुई बुद्ध की पेंटिंग को देखकर उसने हमसे यही बात कही. आम तौर पर  समझा जाता है कि[…]

Butterflies in Our Stomach

  The Sun is bright today. welcome February. A month for the high activity of Art (at least in Delhi). India Art fair on the way and many collateral art events all over the month. Newspapers fill with the graffiti artist’s exhibits in the nearby area. In such happening times we are a bit anxious[…]