‘लाइफ में कुछ तो अच्छा कर के जाना है…’

साल 2017 के कई ब्लॉग नहीं लिखे गए थे. लेकिन अब धीरे धीरे सारे ब्लॉग अपडेट कर रहे हैं. दिल्ली के द्वारका में एक बेसहारा, अनाथ बच्चों का केंद्र है जो सरकारी तो नहीं है लेकिन बहुत अच्छे से चलता है. सारे बच्चों का डाटा होता है और पुलिस के पास जो अनाथ बच्चे आते[…]

मुझे अम्मी चाहिए…..

चांद अंसारी को कला में रुचि थी. उन्हें ठीक ठीक याद नहीं कि वो क्या बनना चाहते थे लेकिन वो कहते हैं, ‘ मैं भी कुछ कुछ आप लोगों जैसा ही करना चाहता था. लेकिन गरीबी इतनी थी कि काम करना पड़ा. अब टेलरिंग का काम करता हूं. बंबई में.’ चांद अंसारी हमें मिले भागलपुर[…]