संथाल टोला- मस्ती, रंग और वो देसी मुर्गा

संथाल टोला सुनते ही मुझे फूदन माझी की याद आती है. उसका सरसों के तेल में चुपड़ा बदन और उसकी वो बांसुरी. ये पुरानी बात है. अब मालूम भी नहीं फूदन माझी कहां है. आज हम लोग कल्याण टुडू के घर पर हैं जहां माझी थान यानी उनके भगवान के घर को रंगना है. मदद[…]