बुद्ध और तारा पुणे में….

”अबी तो मेरे को घर नय है. जबी मेरा घर होगा तो मैं बुलाएगी तेरे को. खाना भी खिलाएगी. घुमाएगी भी. मेरे घर में भी पेंटिंग करने का.” वंदना काम वाली बाई है लेकिन दीवार पर बनती हुई बुद्ध की पेंटिंग को देखकर उसने हमसे यही बात कही. आम तौर पर  समझा जाता है कि[…]